बलिया जिला में एक मंदिर है, जहां केवल आने से ही सर्प के ज़हर का प्रभाव मिट जाता है। यहां आने पर सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को नई जिंदगी मिलती है | इस मंदिर के पुजारी, शिव मुनि साधु, बताते हैं कि जब किसी को विषैले सांप ने काटा हो, और वो इस मंदिर में 24 घंटे के भीतर आ जाए तो उसका ज़हर उतर जाता है|
रामजीत बाबा बलिया जिले के मुडियारी गांव के रहने वाले थे. रामजीत बाबा को किसी महिला ने काला जादू कर के सर्प के द्वारा डंसवा दिया था. इससे इनकी मृत्यु हो गई थी. इसके बाद, बाबा गांव के लोगों के सपने में आने लगे. अपनी सारी बातें बता कर उनसे पूजा के लिए कहने लगे. लोग बाबा का उसी मुडियारी गांव में स्थान बना कर पूजा-आराधना करने लगे. फिर लोगों ने सोचा कि बाबा का सबसे अच्छा स्थान जिगनी बड़ागांव में मेन रोड पर रहेगा. लोगों ने पंडित से पूजा करवा कर इस स्थान पर बाबा को स्थापित कर दिया. तब से लोग इनकी महिमा को जानने लगे.
इस स्थान के बारे में लोगों का मानना है कि विषैले से विषैले सांप के काटने के बाद भी अगर पीड़ित व्यक्ति को इस स्थान पर लाया जाए तो उसका ज़हर उतर जाता है. सर्पदंश के शिकार कई लोग इस स्थान पर आए और ठीक हो कर के यहां से चले गए. यह मंदिर लगभग 100 साल पुराना है. बाबा के गांव से मिट्टी लाकर हर्स नाथ यादव बाबा के नाम से पिण्ड स्थापित किए थे जो अब मंदिर बन गया है. यह रामजीत बाबा के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया है.