जिउतिया व्रत कथा

यह कहानी एक चील और एक सियारनी की है, जो जंगल में एक साथ रहते थे। जिस पेड़ की डाल पर चील रहती थी, उसी पेड़ के नीचे सियारनी अपने…

भोजपुरी लोक कथा कउवाहँकनी

यह कहानी एक राजा की है, जिसकी तीन रानियाँ थीं। पहली दो रानियों के कोई संतान नहीं थी, जबकि तीसरी रानी के आते ही वह गर्भवती हो गईं। यह देखकर…

खा खा खइया

एक पडित जी थे , नाम उनका था भोला। पढ़े लिखे कुछ ख़ास न थे , परन्तु पुरे क्षेत्र में उनकी पंडिताई का खूब रोब था। पुरे गांव की जजमानिका…

खूंटा में दाल

एक चिड़िया थी, जो रोज दाना चुगने के लिए अपने बच्चों को घोंसले में छोड़कर, दूर जंगलों के पार बस्तियों में जाया करती थी। एक दिन किसी घुरे पर उसने…