Gaon and Khet khalihaan
गांवों में भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हैं। गांवों में सदियों से चली आ रही परंपराएं आज भी हैं। यहां खुली धूप और हवा का आनंद लिया जा सकता है। यहां हरियाली और शांति है। यहां के लोगों में अपनेपन और सामाजिक अंतरंगता की भावना है। गाँव के चारों ओर खेत होते हैं और खलिहान होते हैं। गांवों में लोग पशु पालन भी करते है और दूध घी भी प्रचुर मात्रा में होता है।
गाँव के लोग अब शहर की ओर बढ़ रहे हैं और गाँवों में शहर की संस्कृति फैल रही है। अक्सर लोग रोजगार की तलाश या पढ़ाई करने के लिए शहर की ओर रुख करते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो काम पूरा होने पर गाँव वापस जाते हैं। ऐसे में लोगों को गांव से जुड़े रहना बहुत ज़रूरी ताकि हम अपनी संस्कृति को बचा कर रख सकें।
अगर आप ballia से है तो आप ज़रूर किसी न किसी गांव से जुड़े होंगे । अगर आप कहीं दूसरे बड़े शहर में रह रहे है तो आपको गांव की मिट्टी ज़रूर याद आती होगी| ballialive.com के इस section में हम ballia के गाँवो और वहां के जन जीवन पर नज़र डालेंगे।
बलिया जिले में 833 ग्रामपंचायतें हैं और कुल गाँवों की संख्या 2360 है।
गावों और उनके प्रधानों की लिस्ट : Village List
गांवों में प्रयोग होने वाले कुछ परम्परागत प्रोसेस्ड फूड्स : 1- भूंजा 2- माढ़ा 3- सत्तू 4- चिवड़ा
आजकल तो आधुनिक सिंचाई के साधन उपलबध है। यहाँ हम सिंचाई के कुछ परम्परागत साधन के बारे में जानेंगे : 1- ढेकुली 2- रहट
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