Shri Chain Ram Baba Mandir

जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर पूरब , सड़क एवं रेलमार्ग से जुड़ा श्री चैन राम बाबा समाधि स्थल, सहतवार पूर्वांचल का सिद्धपीठ है | लगभग चार शताब्दी पूर्व समाधिस्थ महान संत की पवित्र आत्मा की उपस्थिति और कृपा की अनुभूति, आज भी श्रद्धावान व्यक्तियों द्वारा की जाती है |

योगीराज श्री चैन राम बाबा के कारण सहतवार नगर पंचायत पूरे जिले के लिए पूजयनीय है। आज भी बाबा की समाधि पर कोई झूठी कसमें नहीं खाता है। बड़े-बड़े विवाद व कष्ट बाबा की शरण में आकर समाप्त हो जाते हैं। कहां कि श्री चैन सरोवर में हर धाम का जल है। स्नान करने के बाद बाबा की पूजा कर कोई कार्य किया जाए वह पूर्ण होता है।

श्री चैन राम बाबा जी का जन्म संवत 1740 में सहतवार के पास स्थित बघांव नामक ग्राम में हुआ था । इनके पिता बनने का सौभाग्य 'कात्यायन गोत्रीय श्री वंशरोपन चौबेजी' को मिला था । परिवार में इनसे बड़े दो और भाई थे । उस समय सहतवार और बघांव के आसपास घनघोर जंगल था । बाबा बचपन से ही इस जंगल में गाय चराने का काम करते थे ।

एक दिन बाबा इन्ही जंगलो में गाय चरा रहे थे । तभी उन्हें एक महात्मा मिले । महात्मा बहुत प्यासे थे । महात्मा ने इनसे पानी माँगा । इन्होंने कुंए से पानी निकाल कर महात्मा को पानी पिलाया और साथ में गुड भी दिया । महात्मा प्रसन्न हुए और आशीर्वाद स्वरुप अपने चरणों की धूल उनकी पलकों पर लगा दिया । इस घटना के बाद बाबा का मन संसार से उचटा उचटा सा रहने लगा और वह धीरे धीरे वैराग्य की तरफ अग्रसर होने लगे । एक बार इनके घर में कोदो का बीज और भुना हुआ कोदो एक ही जगह रखा हुआ था । इनके द्वारा बीज के बदले भुना कोदो ही खेत में बोने के लिए पहुंचा दिया गया और बो भी दिया गया । बाद में जब इस बात की जानकारी परिवार में हुई तो सभी लोग चिन्तित हो गये कि अब फसल कैसे होगी ? जब पिता ने इन्हे डाटा तो इन्होने इत्मीनान से कहा ''देंगे न ,भगवान उसी में देंगे '' । और हुआ भी ऐसा ही । उस साल भुने हुए बीज से ही उस खेत में इतनी अच्छी उपज हुई जितनी पहले कभी नहीं हुई थी । इस घटना के बाद बाबा के मन में ईश्वर के प्रति गहरी भक्ति उपजी कि ओह , जिसकी कृपा से भुने हुए बीज भी इतनी अच्छी फसल दे गये ,उसे छोड़ अब संसार में क्या रहना और करना । इसी के बाद बाबा एक दिन घर से निकल गये ।

Virtual Tour of Chain Ram Baba Mandir

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